पपीता (रेड लेडी)

 पपीता एक सबसे नाजुक तथा सबसे कम समय में तैयार तथा समाप्त होने वाला पेड़ है| इसकी खेती करने से पहले बहुत ही सोच समझकर बीज का चयन करना चाहिए| अन्य फसलों की तरह पपीता की भी काफी नस्ल होती है लेकिन “रेड लेडी” 786 सर्वोत्तम है|
हरे और कच्चे पपीते के फलों से सफ़ेद रस या दूध निकाल कर सुखाये गए पदार्थ को पपेन कहते हैं| इसका उपयोग मुख्य रूप से मांस को मुलायम करने, प्रोटीन को पचाने, पेय पदार्थों को साफ़ करने, पेपर कारखानों में, सौन्दर्य प्रसाधन के सामान बनाने आदि के लिए किया जाता है| पपीता एक ऐसा फल है जिसे आप गमले में भी तैयार कर सकते हैं|
  1. पपीते के एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच की दूरी 5×5 फुट होनी चाहिए तथा गड्ढे का आकार 45×45×45 सेमी. होना चाहिए|
  2. गड्ढे में रखते समय जिस पॉलिथीन में पौधे होते हैं, उसका निचला हिस्सा फाड़ देना चाहिए|
  3. प्रतिरोपण के तुरंत बाद पानी की व्यवस्था करें| ध्यान रहे कि पानी पौधे के पास न भरा रहे|
  4. रोपण के 10 से 12 महीने में फल तोड़ने लायक हो जाता है| एक पेड़ 50 से 70 kg तक फल देता है|
  5. आमतौर पर मंडी में किसान को पपीते का मूल्य 10 रुपये प्रति किलो तक मिल जाता है|
  6. एक एकड़ में लगभग 1700 पेड़ लगाये जा सकते हैं| इससे भी आप 8 से 10 लाख रुपये तक की आमदनी कर सकते हैं|