
खजूर (मेड्यूल)
खजूर इस धरती का सबसे पुराना वृक्ष है जिसकी खेती की जाती है| यह कैल्शियम, सुगर, आयरन और पोटैशियम उच्च स्रोत है| खजूर का प्रयोग कई सामाजिक तथा धार्मिक अवसरों पर किया जाता है| इसके अतिरिक्त खजूर के स्वास्थ्य लाभ भी हैं| कब्ज में, ह्रदय रोगों को कम करने में, दस्त को नियंत्रित करने में तथा गर्भावस्था के समय इसका उपयोग किया जाता है| किसान भाई इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं|
खजूर की खेती करने के लिए ध्यान रखने योग्य बिंदु-
इसकी खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है| लेकिन अच्छी पैदावार करने के लिए रेतीली दोमट मिट्टी उपयुक्त है जिसका P.H. मान 7 से 8 तक हो|
खजूर को क्षारीय तथा नमक वाले पानी की भूमि में भी लगाया जा सकता है| यह सबसे कम पानी लेने वाला वृक्ष है|
मेड्यूल खजूर तेजी से वृद्धि करने वाला पेड़ है| यह अंडाकार आकार के फल पैदा करता है जो कि पीले रंग का होता है| इसका औसतन भार 12.2 ग्राम होता है|
फल में टी.एस.एस. की मात्रा 25.4 प्रतिशत होती है| फल विकसित होने की पहली अवस्था में इसकी औसतन पैदावार 68 किग्रा. तक होती है|
खजूर की रोपाई के लिए फरवरी से मार्च और अगस्त से सितम्बर महीना सबसे उत्तम माना जाता है|
रोपाई के लिए इसके प्रत्येक पौधे के बीच दूरी 18×18 फीट होनी चाहिए| इस प्रकार एक एकड़ में 130 पेड़ आते हैं|
खजूर की कीमत बाजार में कीमत 150 से 200 रुपये प्रति किलो तक होती है|